सिनेमालोक : फिल्मकारों की बढ़ी चुनौतियाँ
सिनेमालोक फिल्मकारों की बढ़ी चुनौतियाँ -अजय ब्रह्मात्मज अगले महीने से विधिवत फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आनी शुरू हो जाएगी. 5 जून को अनुराग कश्यप निर्देशित ‘चोक्ड-पैसा बोलता है’ आएगी और उसके बाद 12 जून को शूजीत सरकार निर्देशित ‘गुलाबो सिताबो’ दिखेगी. इन दोनों फिल्मों के बाद अनु मेनन निर्देशित ‘शकुंतला देवी’ का नंबर है. स्पष्ट संकेत है कि फिल्म निर्माता नई फिल्मों के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने में हिचकना बंद कर रहे हैं. अभी तक फिल्में पहले सिनेमाघरों में रिलीज होती थीं. उसके बाद टीवी, सेटेलाइट और दूसरे प्रसारण और वितरण के लिए उनके अधिकार बेचे जाते थे. बड़ी फिल्मों को हमेशा से मुंहमांगी राशि मिलती रही है. बाकी छोटी और मझोली फिल्मों का भाव उनके बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस के हिसाब से तय किया जाता था. इस प्रक्रिया में कई बार दर्शकों के बीच स्वीकृत और प्रशंसित छोटी फिल्मों को अच्छी कीमत मिल जाती थी और कभी-कभी बड़ी फिल्मों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था. ओटीटी प्लेटफॉर्म के चलन में आने के बाद बिजनेस के तौर-तरीके बदलेंगे. ‘न्यू नार्मल’ में फिल्मों के मूल्य तय करने का पैमाना बॉक्स ऑफिस नही...