सिनेमालोक : बहुभाषी सिनेमा बेंगलुरु में
सिनेमालोक बहुभाषी सिनेमा बेंगलुरु में -अजय ब्रह्मात्मज हाल ही में बेंगलुरु से लौटा हूँ.पिछले शुक्रवार को बेंगलुरु में था.आदतन शुक्रवार को वहां के मल्टीप्लेक्स में ताज़ा रिलीज़ ‘मणिकर्णिका’ देखने गया.आशंका थी कि कन्नड़भाषी प्रान्त कर्णाटक की राजधानी बेंगलुरु में न जाने ‘मणिकर्णिका’ को प्रयाप्त शो मिले हों कि नहीं मिले हों.मुंबई और उत्तर भारत में यह बात फैला दी गयी है कि कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री ने राज्य सरकार पर दवाब डाल कर ऐसा माहौल बना दिया है कि हिंदी फिल्मों को सीमित शो मिलें.कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री को बचने और चलाये रखने के लिए यह कदम उठाया गया था.यह स्वाभाविक और ज़रूरी है. महाराष्ट्र में महाराष्ट्र सरकार ने मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम पर मराठी फिल्मों के शो की अनिवार्यता से स्थानीय फिल्म इंडस्ट्री को संजीवनी दी है.यह कभी सोचा और लागू किया गया होगा.पिछले हफ्ते का मेरा अनुभव भिन्न और आदर्श रहा.अगर सारे मेट्रो शहरों के मल्टीप्लेक्स में ऐसी स्थिति आ जाये तो भारतीय फिल्मों के लिए वह अतिप्रिय आदर्शवादी बात होगी. मैं पास के मल्टीप्लेक्स में सुबह 10 बजे के शो के लिए गया था.उस मुल्त्प्...