भावनाओं का शिखर है शिवाय : अजय देवगन
-अजय ब्रह्मात्मज दो साल की कड़ी तपस्या के बाद अजय देवगन अब आखिरकार अपनी अति महत्वाकांक्षी फिल्म ‘शिवाय’ पूरी कर चुके हैं। वह इस साल दीवाली पर रिलीज होगी। दर्शकों को कुछ अलग देने की गरज से उन्होंने इस में आर्थिक, शारीरिक व मानसिक तीनों निवेश किया है। - फिल्म देखने पर हम समझें कि शिवाय क्या है। किस चीज ने आप को फिल्म की तरफ आकर्षित किया। ० - जी बिल्कुल। देखिए यह एक भावना है। मेरी ज्यादा फिल्में जो वर्क करती हैं , मैं काम करता हूं। उसमें भावनाएं सबसे मजबूत होती हैं। या तो पारिवारिक भावनाएं हो या जो भी इमोशन हो। इस फ़िल्म का आधार भावनाएं ओर परफॉरमेंस हैं। बाकी सब आप भूल जाइए।तकनीक और एक्शन को एकतरफा कर दीजिए। यह सब आकर्षण हैं , इससे हम एक स्केल पर जा सकते हैं। लेकिन कहानी में आपको कोर भावनाएं अाकर्षित करती हैं , जो कि यूनिवर्सल होता है। वह एक सोच है। हमने बिल्कुल उलझाने की कोशिश नहीं की है। हम नहीं बता रहे हैं कि नए तरह की फिल्म है। भावनाएं तो वहीं हैं जो आपकी और मेरी होती है। आपके परिवार की तरफ जो भावनाएं हैं , वही मेरे परिवार की ...