प्यार का कोई धर्म नहीं होता - संजय लीला भंसाली
-अजय ब्रह्मात्मज ‘ बाजीराव मस्तानी ’ की रिलीज के बाद 16 घंटों की नींद के बाद जागे निर्देशक संजय लीला भंसाली को मित्रों ने बताया कि उनकी फिल्म को जबरदस्त सराहना मिल रही है। फिर भी पहले दिन का कलेक्शन उन्हें उदास कर गया। दूसरे दिन दर्शकों के रुझान का पता चला। भंसाली भी उत्साहित हुए। फिल्म की रिलीज के पहले व्यस्तता की वजह से बात न कर पाने की उन्होंने अब भरपाई की। हमारे लिए भी अच्छा मौका था कि यह बातचीत फिल्म देखने की बाद हुई। इस बातचीत में संजय लीला भंसाली ने अपना पक्ष रखा... -बाजीराव पेशवा पर फिल्म बनाने की क्यों सोची आप ने ? 0 बाजीराव ने चालीस लड़ाइयां जीती थी। इसके बावजूद उन्हें अपने परिवार के सामने हथियार डालने पड़े थे। इस विचार ने मुझे मोहित कर लिया। अपने प्यार और परिवार के संतुलन में उन्होंने कुर्बानियां दीं। उन्होंने भी संघर्षपूर्ण जिंदगी जी। हिंदुस्तान में या कहीं भी कोई व्यक्ति जब नई सोच लेकर आता है तो उसे रोकने की कोशिश की जाती है। हम लोग अच्छी चीजों को अपनाते ही नहीं हैं। यह उस वक्त भी होता था। यह आज भी हो रहा है। मैं मराठी कल्चर स...