उन छः में शामिल तुम भी थे, ये काम तो है हमदर्दों का
खुर्शीद अनवर जैसे अनेक दोस्तों के जज्बे को सलाम करते हुए स्वांग की यह प्रस्तुति.... बुरकी बुरकी विच मलाया केड़ा ऐ तू जाप जपाया फिकरां दा तू रोणा पा के क्यूं बस मैनू डरना सखाया माँ नी मेरी में नई डरना तेरे वरगा में नई बणना डुब डुब जाना में नई तरना में तां अखां बंद कर तुरना फड के जुत्ती हथ विच खड़ना में तां अखां बंद कर तुरना डुब डुब जाना में नई तरना में तां अखां बंद कर तुरना माँ नी मेरी में नई डरना तेरे वरगा में नई बणना ये काम नहीं है शहरों का ना रात का ना दोपेहरों का ना ख़ाली ख़ाली सड़को का ना खिड़की का ना पर्दों का कपड़े के नाप के फ़र्कों का क्या मर्दों का नामर्दों का उन छः में शामिल तुम भी थे ये काम तो है हमदर्दों का माँ नी मेरी मैं नई डरना तेरे वरगा मैं नई बणना माँ नी मेरी मैं नई डरना तेरे वरगा मैं ...