-अजय ब्रह्मात्मज चर्चा है कि शोमैन सुभाष घई एक छोटी फिल्म ब्लैक एंड ह्वाइट लेकर आ रहे हैं? मैं छोटी नहीं, एक भिन्न फिल्म लेकर आ रहा हूं। वैसे, फिल्म छोटी या बड़ी रिलीज के बाद होती है। तारे जमीं पर को लोग छोटी फिल्म समझ रहे थे, लेकिन आज वह सबसे बड़ी हिट है। दर्शकों की स्वीकृति से फिल्म छोटी या बड़ी होती है। दरअसल, जब हम किसी फिल्म को छोटी फिल्म कहते हैं, तो उसका मतलब होता है रिअल लाइफ जैसी फिल्म, जिसमें आम जिंदगी के तनाव, संघर्ष और द्वंद्व रहते हैं। मेरी ज्यादातर फिल्में लार्जर दैन लाइफ थीं। उनमें ग्लैमर रहा, बड़े-बड़े स्टार रहे और बड़ी फिल्में रहीं। फिर इस बदलाव की वजह? जब मैंने इस फिल्म की कहानी सुनी, तो मुझसे कहानी ने कहा कि अगर आप रिअल में शूट करोगे, तो मैं चलूंगा। दरअसल, एक सच्चाई यह भी है कि हर फिल्म की कहानी ही भाषा, शैली, बजट, विस्तार, गहराई और भव्यता तय करती है। कुछ फिल्में भव्य होती हैं और कुछ गहरी होती हैं। ब्लैक ऐंड ह्वाइट गहरी फिल्म है। गहरी फिल्म को अगर आप छोटी कहेंगे, तो मुझे ऐतराज होगा। यह गहरी और विचारधारा की फिल्म है। इसे देखकर लोग कहेंगे कि घई ने ऐसी फिल्म क्यों बनाई...