राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में युवा प्रतिभाएं छाईं
-अजय ब्रह्मात्मज फिल्मों के नेशनल अवार्ड के लिए इस साल ‘शाहिद’, ‘जॉली एलएलबी’, ‘थिप ऑफ थीसियस’ और ‘काफल’ के साथ ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘धूम 3’ ‘कृष 3’ जैसी फिल्में भी विचारार्थ थीं। सईद अख्तर मिर्जा के नेतृत्व में गठित निर्णायक मंडल ने हिंदी फिल्मों की उपधारा की फिल्मों को गुणवत्ता और कलात्मकता की दृष्टि से पुरस्कारों के योग्य समझा। यही वजह है कि ‘शाहिद’,‘जॉली एल एल बी’ और ‘शिप ऑफ थिसियस’ और को दो-दो पुरस्कार मिले। पुरस्कारों की भीड़ में आज भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फिल्म फेस्टिवल निदेशालय के अधीन जरी नेशनल अवार्ड का महत्व बना हुआ है। देश भर के फिल्म कलारों और तकनीशियनों को इसकी प्रतीक्षा रहती है। इस बार युवा और योग्य फिल्मकारों, कलाकारों और तकनीशियनों को पुरस्कृत किया है। सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए पुरस्कृत ‘शाहिद’ के निर्देशक हंसल मेहता अपने पुरस्कार का श्रेय शाहिद आजमी को देते हैं। वे कहते हैं, ‘शाहिद आजमी के दृढ़ संघर्ष और जीवट ने मुझे इस फिल्म के लिए प्रेरित किया। भारतीय समाज में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे सामाजिक और सरकारी अत्याचार में शा...