आमिर खान या शाहरुख़ खान
सिर्फ़ मीडिया ही नहीं,आम दर्शकों की भी रूचि होती है.हम सभी पैदाइशी होड़ में रूचि लेते हैं.बचपन में ही हमारे प्रतियोगिता हमउम्र बच्चों से करवाई जाती है.अरे,देखो तो कैसे दोड़ता है मुन्ना... यह तो राजू से आगे निकल जाएगा ... बेटा दौड़ो तो और हम तब से कभी अपनी खुशी तो कभी दूसरों के रोमांच के लिए दौड़ते रहते हैं.दुनिया की होड़ में शामिल हो जाते हैं। आदिम ज़माने में शिकार, मुर्गाबाजी ,पतंगबाजी,घुड़दौड़ ,स्वयंवर,परीक्षा,नौकरी,प्रेम, शादी, बच्चों की परवरिश हर समय और जगह एक होड़ चलती रहती है.यह इंसानी फितरत है.मनुष्य की आदिम प्रवृत्ति है.इन दिनों क्रिकेट,फुटबॉल और राजनीती तक में इस होड़ और उठापटक के दर्शन होते हैं.हमें आनंद मिलता है.हम स्फुरित होते हैं और परम आनंद की लालसा में होड़ को बढ़ावा देते हैं। आजकल हिन्दी फिल्मों के दो पॉपुलर स्टार में ऐसी ही होड़ की कल्पना की जा रही है.माना जा रहा की शाहरुख़ खान और आमिर खान के बीच आगे रहने की ज़ंग चल रही है.इस ज़ंग का अलग-अलग कोणों से चित्रण किया जाता है.बताया जाता है की इस चक्र में कौन आगे रहा और कौन पीछे सरकता नज़र आ रहा है.लोकप्रियता सूची में शीर्ष पर क