फिल्म समीक्षा : राज रीबूट
डर नहीं है हॉरर में -अजय ब्रह्मात्मज विक्रम भट्ट की राज श्रृंखला की अगली कड़ी है ‘ राज रीबूट ’ । पहली से लेकर अभी तक इन सभी हॉरर फिल्मों में सुहाग की रक्षा के इर्द-गिर्द ही कहानियां बुनी जाती हैं। विक्रम भट्ट के इस फार्मूले में अब कोई रस नहीं बचा है। फिर भी वे उसे निचोड़े जा रहे हैं। ‘ राज रीबूट ’ में वे अपने किरदारों को लकर रोमानिया चले गए हैं। रोमानिया का ट्रांसिल्वेनिया ड्रैकुला के लिए मशहूर है। एक उम्मीद बंधती है कि शायद ड्रैकुला के असर से डर की मात्रा बढ़े। फिल्म शुरू होते ही समझ में आ जाता है कि विक्रम भट्ट कुछ नया नहीं दिखाने जस रहे हैं। रेहान और शायना भारत से रोमानिया शिफ्ट करते हैं। रेहान अनचाहे मन से शायना की जिद पर रोमानिया आ जाता है। पहली ही शाम को दोनों अलग-अलग कमरों में जाकर सोते हैं। हमें सूत्र दिया जाता है कि रेहान के मन में कोई राज है,जिसे वह बताना नहीं चाहता। उधर शायना के रोमानी ख्वाब बिखर जाते हैं। वह इस राज को जानना चाहती है। रोमानिया में वे जिस महलनुमा मकान में रहते हैं,वहां कोई आत्मा निवास करती है। पहले चंद दृश्यों में ही आत्मा का आगमन ...