हिंदी टाकीज 2(12) : बदले दौर की बदलती नायिका - उर्मिला गुप्ता
उर्मिला गुप्ता , पेशे से अनुवादक/संपादक , दिल से पूरी तरह फ़िल्मी | पिछले दस सालों से किताबों की दुनिया में काम करते हुए 20 से ज्यादा किताबों का अनुवाद किया , जिनमें अमीश त्रिपाठी की “सीता: मिथिला की योद्धा”, "इक्ष्वाकु के वंशज" , रश्मि बंसल की "छू लो आसमान" , " सात रंग के सपने" , " मेरे देश की धरती" और अनुजा चौहान की "बैटल फॉर बिटोरा (जिन्नी)" शामिल हैं। राजकमल प्रकाशन से जुड़ने से पहले यात्रा बुक्स में संपादन और अनुवाद कार्य किया | इसके अलावा स्कोलास्टिक , हार्पर कॉलिन्स , जगरनॉट , वेस्टलैंड और पेंगुइन के साथ स्वतन्त्र रूप से काम किया है। अभी हाल ही अनुवाद कार्य के लिए भारतीय अनुवाद परिषद् से ' द्विवागीश पुरस्कार ' प्राप्त हुआ है | बदले दौर की बदलती नायिका ‘अर्पित मेरा मनुज काय, बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ कहने वाला हमारा समाज पता नहीं कब और कैसे ‘वैयक्तिक हित’ की ओर बढ़ गया| बात ये नहीं है कि ये सोच सही है या गलत – लेकिन सोच में ये बदलाव तो आया ही है| आज ‘लाइफ कोच’ आपसे खुलकर सबसे ऊपर अपनी खुशी रखने की बात क...