स्मॉल स्क्रीन है ना !
-सौम्या अपराजिता जब किसी मंच पर अपेक्षित सफलता और प्रशंसा नहीं मिलती है,तो कलाकार नए जोश के साथ खुद को बेहतर साबित करने के लिए दूसरे मंच और अवसर का इंतज़ार करते हैं। रुसलान मुमताज ने भी वही किया। फिल्मों में मिली असफलता से रुसलान निराश नहीं हुए। बेहतर अवसर मिलने पर उन्होंने स्मॉल स्क्रीन का दामन थामने में देर नहीं लगाई। पिछले दिनों रुसलान के पहले धारावाहिक 'कहता है दिल ...जी ले ज़रा' का प्रसारण शुरू हुआ। गौरतलब है कि लोकप्रिय अभिनेत्री अंजना मुमताज के पुत्र रुसलान ने अपनी पहली फिल्म 'एमपीथ्री- मेरा पहला पहला प्यार' से उम्मीदें जगाई थीं। ...पर प्रतिभा के बावजूद बेहतर अवसर के अभाव में फिल्मों में वे खुद को साबित नहीं कर पाएं। रुसलान से पूर्व भी फिल्मों से अपने सफ़र की शुरुआत करने वाले कलाकार असफलता और अच्छे अवसर के अभाव के कारण स्मॉल स्क्रीन का रुख करते रहे हैं। रोचक बात है कि स्मॉल स्क्रीन पर उन्हें सफलता और लोकप्रियता भी मिली। वे अब स्मॉल स्क्रीन के सफल कलाकारों में शुमार हैं। रुसलान के करीबी मित्र नकुल मेहता ने 'प्यार का ...