बहुपयोगी संवाद माध्यम है सोशल मीडिया
-अजय ब्रह्मात्मज संचार माध्यमों के विकास , प्रसार और बढ़ती भूमिकाओं को स्वीकार और अंगीकार करने के बावजूद सात साल पहले तक किसी ने कल्पना नहीं की थी कि सोशल मीडिया का अंतर्जाल हमारी सोच , समझ , दृष्टिकोण , विचार और राजनीति को इस कदर प्रभावित करेगा। सोशल मीडिया नेटवर्क ने सभी यूजर्स को अभिव्यक्ति का सशक्त उपकरण दे दिया है। इसकी विशेषता पारस्परिकता है। इसमें स्वतंत्रता अंतर्निहित है। अगर आप मोबाइल और कंप्यूटर के जरिए इंटरनेट से जुड़े हुए हैं तो अपनी सुविधा और रुचि से सारे संसार से संपर्क बनाए रख सकते हैं अर्द्धशिक्षित भारतीय समाज में सोशल मीडिया की महत्व और भूमिका के संबंध में फिलहाल सर्व सहमति नहीं है। कभी यह अत्यंत उपयोगी और आवश्यक माध्यम प्रतीत होता है तो कभी हर तरफ शोर मचने लगता है कि इस से समाज का नुकसान हो रहा है। हर नए माध्यम और आविष्कार की तरह सोशल मीडिया अभी परीक्षण और परिणाम के दौर से ही गुजर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मापदंड और आंकड़ों की तुलना में अभी भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या आबादी के अनुपात में कम है , लेकिन सिर्फ संख्या की बात करें तो यह कई देशों की जनसंख्या से