फिल्म समीक्षा : सोनू के टीटू की स्वीटी
फिल्म समीक्षा : सोनू के टीटू की स्वीटी -अजय ब्रह्मात्मज हिंदी फिल्मों में निर्देशक और अभिनेता की जोड़ी ने कमाल किए हैं। परस्पर भरोसे से कुछ बेहतरीन फिल्में आई हैं। लव रंजन और कार्तिक आर्यन की जोड़ी ने ‘प्यार का पंचनामा’(1-2),आकाशवाणी और अब ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ जैसी फिल्में दी हैं। इन फिल्मों को क्लासिक के दर्जे में नहीं डाल सकते,लेकिन ये कल्ट ब्रांड की फिल्में हैं। अकेले लव रंजन ही ऐसी फिल्में बना रहे हैं। दरअसल,इस तरह की फिल्मों के लिए बात और स्वभाव में देसी होना जरूरी है। अगर आप अपने समय और समाज में पगे होंगे,तभी ऐसी फिल्में लेकर आ सकते हैं। इन फिल्मों में कोई बड़ी बात नही कही गई है। रोजमर्रा की बातों का ही ऐसे नजरिए और एटीट्यूड के साथ पेश किया गया है कि किरदारों में आज के युवक दिखते हैं। लव रंजन की फिल्में मुख्य रूप से लड़कों के नजरिए से पेश की जाती हैं। उनकी लड़कियां कतई कमजोर नहीं होतीं,लेकिन लड़कों के ज्यादा दृश्यों और प्रसंगों की वजह से दरकिनार होती नजर आती हैं। गौर करें तो लव रंजन के किरदार शहरी और महानगरीय दिखते हैं,लेकिन उनकी मानसिकता उत