फिल्म समीक्षा : अंकुर अरोड़ा मर्डर केस
-अजय ब्रह्मात्मज फिल्म के टायटल से स्पष्ट है कि निर्माता-निर्देशक एक घटना को बगैर लाग-लपेट के पेश करना चाहते हैं। सुहैल तातारी ने सच्ची घटनाओं पर आधारित अनेक रियलिस्टिक टीवी शो का निर्देशन किया है। उनके लिए यह काम बहुत मुश्किल नहीं रहा होगा। इस बार उन्हें लगभग दो घंटे में एक प्रभावपूर्ण कहानी दिखानी थी। अपने उद्देश्य में वे सफल रहे हैं। इस फिल्म में कथित मनोरंजन नहीं है, क्योंकि रोमांस और कॉमेडी नहीं है। यह फिल्म उदास करती है। अवसाद बढ़ा देती है। मेडिकल क्षेत्र में डाक्टर की लापरवाही और पैसों के खेल से हम सभी परिचित हैं। स्वास्थ्य सेवा लाभप्रद व्यवसाय बन चुका है। डॉ ़ अस्थाना (के के मेनन) अपने पेशे में दक्ष हैं, लेकिन व्यावसायिक मानसिकता के कारण वे अनेक जरूरतों को नजरअंदाज करते हैं। उनकी प्रतिभा का कायल रोमेश (अर्जुन माथुर) अपनी गर्लफ्रेंड रिया (विशाखा सिंह) के साथ सीखने के उद्देश्य से उनके अस्पताल में इंटर्नशिप लेता है। आरंभिक दृश्यों की भिडं़त में ही स्पष्ट हो जाता है कि डॉ ़ अस्थाना की पोल रोमेश ही खोलेगा। अस्पताल में दाखिल अंकुर अरोड़ा का एक सामान्य ऑपरेशन डॉ ़ ...