संग-संग : सुतपा सिकदर और इरफान खान के साथ
-अजय ब्रह्मात्मज यह प्रेम कहानी है। यह सहजीवन है। यह आधुनिक दांपत्य है । इरफान खान और सुतपा सिकदर दिल्ली स्थित एनएसडी में मिले। साल था 1985 ... दिल्ली की सुतपा ने अपनी बौद्धिक रुचि और कलात्मक अभिरुचि के विस्तार के रूप में एनएसडी में दाखिला लिया था और इरफान खान जयपुर से न समा सके अपने सपनो को लिए दिल्ली आ गए थे। उनके सपनों को एनएसडी में एक पड़ाव मिला था। इसे दो विपरीत धु्रवों का आकर्षण भी कह सकते हैं , लेकिन अमूमन जीवन नैया में एक ही दिशा के दो यात्री सवार होते हैं। सुतपा और इरफान लंबे समय तक साथ रहने (लिविंग रिलेशन) के बाद शादी करने का फैसला किया और तब से एक-दूसरे के सहयात्री बने हुए हैं। मुंबई के मड इलाके में स्थित उनके आलीशान फ्लैट में दर-ओ-दीवार का पारंपरिक कंसेप्ट नहीं है। उन्होंने अपने रिश्ते के साथ घर में भी कई दीवारें हटा दी हैं। शुरूआत करें तो... इरफान - जब मैं जयपुर से दिल्ली जा रहा था तो मेरी मां चाहती थी कि मैं पहले शादी हो जाए। उन्होंने दबाव भी डाला कि निकहा कर लो , फिर चाहे जहां जाओ। मेरे मन में ऐसी कोई इच्छा नहीं थी। बहरहाल , एनएसडी आए तो पहली बार पता चला कि लड़कि