Posts

Showing posts with the label संभावना और आशंका के बीच

दरअसल : संभावना और आशंका के बीच

Image
-अजय ब्रह्मात्मज     भाजपा के नेतृत्व में आई नरेन्द्र मोदी की सरकार के शपथ ग्रहण लेने के पहले ही कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के संयोजक मिथिलेश कुमार त्रिपाठी का बयान आ गया था कि उन लोगों ने फिल्मों के विकास और स्वरूप की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके तहत भारतीय परंपराओं में सिक्त सांस्कृतिक मूल्यों की फिल्मों पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने लगे हाथ उदाहरण भी दे दिया कि ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। स्वयं भाजपा से जुड़े फिल्मकारों ने इसे हड़बड़ी में दिया गया बयान कहा है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि फिल्मों के निर्माण पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगायी जाएगी। पहले की तरह फिल्मकार अपने फिल्मों के विषय चुनने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। इस आश्वासन के बावजूद कुछ फिल्मकारों का मन आशंकित है।     नरेन्द्र मोदी प्रगति, विकास और समृद्धि के स्लोगन के साथ आए हैं। उनका मुख्य ध्यान देश के चौतरफा विकास पर होगा। मालूम नहीं विकास की इस रणनीति और कार्ययोजना में फिलहाल फिल्में शामिल हैं कि नहीं? भारत में फिल्म इंडस्ट्री लगभग स्वायत्त उद्योग ...