रोज़ाना : संजय दत्त की प्रभावहीन वापसी
रोज़ाना संजय दत्त की प्रभावहीन वापसी -अजय ब्रह्मात्मज हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में यह पुराना चलन है। कोई भी लोकप्रिय स्टार किसी वजह से कुछ सालों के लिए सक्रिय न रहे तो उसकी वापसी का इंतजार होने लगता है। अभिनेत्रियों के मामले में उनकी शादी के बाद की फिल्म का इंतजार रहता है। मामला करीना कपूर का हो तो उनके प्रसव की बाद की फिल्म से वापसी की चर्चा चल रही है। सभी को उनकी ‘ वीरे दी वेडिंग ’ का इंतजार है। इस इंतजार में फिल्म से जुड़ी सोनम कपूर गौण हो गई हैं। हिंदी फिल्मों में अभिनेताओं की उम्र लंबी होती है। उनके करिअर में एक अंतराल आता है,जब वे अपने करिअर की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद हीरो के तौर पर नापसंद किए जाने लगते हैं तो उनकी वापसी वे किरदार बदल कर लौटते हैं। अमिताभ बच्चन के साथ ऐसा हो चुका है। एक समय था जब बतौर हीरो दर्शक्उन्हें स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। लेखक और निर्देशक उनके लिए उपयुक्त फिल्म लिख और सोच नहीं पा रहे थे। उस संक्रांति दौर से निकलने के बाद आज अमिताभ बच्चन के लिए खास स्पेस बन चुका है। उनके लिए अलग से फिल्में लिखी जा रही है। ऐसा सौभाग्य और...