दरअसल : पहले किरण, अब करण
-अजय ब्रह्मात्मज खबर आई है कि इरफान और नवाजुद्दीन सिद्दिकी की फिल्म ‘लंचबॉक्स’ अगले महीने भारत के थिएटरों में रिलीज होगी। यह फिल्म मशहूर निर्माता-निर्देशक करण जौहर को बहुत अच्छी लगी है। संयोग ऐसा था कि करण जौहर के साथ ही मैंने यह फिल्म देखी थी। फिल्म के इंटरवल और समाप्त होने पर करण जौहर ‘लंचबॉक्स’ के निर्देशक रितेश बत्रा से जिस दिलचस्पी के साथ बात कर रहे थे उसी से लगा था कि उन्हें फिल्म बहुत पसंद आई है। उस शो में शेखर कपूर भी थे। वे भी इस फिल्म को देख कर आह्लादित थे। ‘लंचबॉक्स’ इस साल कान फिल्म फेस्टिवल में भी सराही गई थी। हाल फिलहाल में ऐसी अनेक फिल्में आईं हैं जिन्हें विभिन्न फेस्टिवल में अच्छी सराहना मिली है। फिर भी स्टार वैल्यू के अभाव में ये फिल्में आम थिएटर में रिलीज नहीं हो पा रही हैं। इंडस्ट्री में कानाफूसी चलने लगी है कि पैरेलल सिनेमा की तरह फिर से ऐसी फिल्मों का दौर आ गया है जिन्हें हम केवल फेस्टिवल में ही देखते हैं। वास्तव में यह कानाफूसी फिल्म इंडस्ट्री की बेरूखी जाहिर करती है। करण जौहर ने ‘लंचबॉक्स’ के वितरण की पहल दिखा कर अच्छा उदाहरण दिया है...