Posts

Showing posts with the label वेद विलास उनियाल

हैदर पर वेद विलास उनियाल

Image
-वेद विलास उनियाल कला हमेशा संवेदनशील गलियारों की तलाश नहीं करती। कभी वह बेहद क्रूर और निर्मम रास्तों से अपने बाजार को तलाशती है। विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर कला का वही गलियारा है जो एक आतंकी की आंखो में पानी बरसते दिखाता है, लेकिन जिसके लिए उस सैनिक की कोई परवाह नहीं जो अपने परिवार बच्चों को छोड़ सरहद में जाता है और शहीद हो जाता है। और बदले में उसे मिलता है अरुधंती का कुसाहित्य या विशाल भारद्वाज की नफरत। वैसे इनका विरोध करना ठीक नहीं। क्योंकि इनके मन की असली चाहत इसी विरोध में छिपी है। जितना विरोध होगा उतना इनकी समृद्धि बढ़ेगी, दुनिया के बाजार में इनका मूल्य बढ़ेगा। पर कुछ कहा भी जाना चाहिए। वरना क्रूर रास्तों में कला इसी तरह नीलाम होती रहेगी। और हम कला के नाम पर बौद्दिकता का जामा पहनकर चुप रहेंगे। 1- बेशक विशाल को शेक्सपीयर पसंद हो। लेकिन जिस कश्मीर की अधूरी और एकतरफा कहानी वो लाए हैं वो दशक पीछे रह गए। अब इस फिल्म की प्रासंगिकता नहीं रह गई है। कश्मीर के बड़े आवाम ने मान लिया है आतंकवाद उन्हें तबाह कर रहा है। कश्मीर मे जो लोग एक देश के रूप में देखना चाहते ह...