दरअसल : विरोध के नाम पर हिंसा और बयानबाजी क्यों?
दरअसल... विरोध के नाम पर हिंसा और बयानबाजी क्यों ? -अजय ब्रह्मात्मज गनीमत है कि कोल्हापुर में संजय लीला भंसाली की ‘ पद्मावती ’ के सेट पर हुई आगजनी में किसी की जान नहीं गई। देर रात में हुड़दंगियों ने तोड़-फोड़ के बाद सेट को आग के हवाले कर दिया। संजय लीला भंसाली की टीम को माल का नुकसान अवश्य हुआ। कॉस्ट्यूम और जेवर खाक हो गए। अगली शूटिंग में कंटीन्यूटी की दिक्कतें आएंगी। फिर से सब कुछ तैयार करना होगा। ऐसी परेशानियों से हुड़दंगियों को क्या मतलब ? उन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती तो उनका मन और मचलता है। वे फिर से लोगों और विचारों को तबाह करते हैं। देश में यह कोई पहली घटना नहीं है,लेकिन इधर कुछ सालों में इनकी आवृति बढ़ गई है। किसी भी समूह या समुदाय को कोई बात बुरी लगती है या विचार पसंद नहीं आता तो वे हिंसात्मक हो जाते हैं। सोशल मीडिया पर गाली-गलौज पर उतर आते हैं। सेलिब्रिटी तमाम मुद्दों पर कुछ भी कहने-बोलने से बचने लगे हैं। कोई भी नहीं चाहता कि उसके घर,परिजनों और ठिकानों पर पत्थर फेंके जाएं। खास कर क्रिएटिव व्यक्ति ऐसी दुर्घटनाओं की संभावना से बचने के लि...