DDLJ : नहीं भायी,दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे,क्यों??
-वाणी शर्मा इस नाम ने शशि कपूर के उस गीत की याद दिला दी ..." ले जायेंगे ले जायेंगे ...दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे "... बहुत चर्चा हो रही थी इस मूवी की ...वैसे भी शाहरुख़ खान की ज्यादतर मूवी देख ही लेते हैं ...इसलिए.. दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे को भी देखा ... इस मूवी का नायक आदर्शवादी था ...माता पिता की आज्ञा के बिना शादी नहीं करना चाहता ...भले ही लड़की घर से भाग कर उससे शादी करने को तैयार हो ... बहुत अच्छा आदर्श है ...माता पिता के लिए तो खूब सोच लिया ...मगर उस लड़के का क्या जिससे सगाई का नाटक किया गया और जिससे नजदीकियां बढाकर सिमरन के पिता को प्रभावित करने का ड्रामा रचा गया ... फिल्म के एक दृश्य में नायिका काजोल करवा चौथ का व्रत करती है ...सगाई होने के बाद ...मगर चूँकि वो शाहरुख़ से प्यार करती है इसलिए व्रत उनके हाथों पानी पीकर ही खोलेंगी ....सगाई होनी किसी के साथ है मगर धोखे से अंगुली में अंगूठी पहनाता है दुल्हे का दोस्त शाहरुख़ ....दुल्हे की ओर से दुल्हन के लिए चढावा लेकर आया शाहरुख़ दुल्हन को डोली सजा कर रखने का सन्देश देता है अपने लिए ... ये आदर्शवाद है .....!! और ...