इन दिनों मैं समय बिताने के लिए चलता हूं।
मुंबई में कई बार एक इवेंट या मुलाकात के बाद दूसरे इवेंट या मुलाकात के बीच इतना समय नहीं रहता कि मैं घर लौट सकूं या ऑफिस जा सकूं। ऐसी स्थिति आने पर मैं चलता हूं। कई बार अगले ठिकाने तक पैदल जाता हूं। समय कट जाता है और कुछ नई चीजें दिखाई पड़ जाती हैं। आज लाइट बॅक्स के प्रिव्यू शो के बाद मुझे रणवीर सिंह के घर जाना था। खार जिमखाना तक मैं पैदल ही चल पड़ा। बाकी तो मजा आया,लेकित तीन बार पसीने से तरबतर हुआ। रणवीर के अपार्टमेंट में घुसते समय झेंपा और सकुचाया हुआ था। क्यों,रणवीर मिलते ही भर पांज भींच लेते हैं। मुझे डर था कि कहीं दरवाजे पर ही मुलाकात हुई तो क्या होगा ? पसीने से तरबतर व्यक्ति की झप्पी ठीक नहीं रहेगीत्र गनीमत है। मुझे वक्त मिला। चसीना सूख गया। और फिर रणवीर मिले तो वैसे ही मिलना हुआ। भर पांज की भींच और ढेर सारी बातें....हर अच्छी मुलाक़ात की तरह आज की मुलाकात भी अधूरी ही रही।