Posts

Showing posts with the label लखनऊ सेंट्रल

फिल्‍म समीक्षा : लखनऊ सेंट्रल

Image
फिल्‍म रिव्‍यू लखनऊ सेंट्रल -अजय ब्रह्मात्‍मज इस फिल्‍म के निर्माता निखिल आडवाणी हैं। लेखक(असीमअरोड़ा के साथ) और निर्देशक रंजीत तिवारी हैं। कभी दोनों साथ बैठ कर यह शेयर करें कि इस फिल्‍म को लिखते और बनाते समय किस ने किस को कैसे प्रभावित किया तो वह ऐसे क्रिएटिव मेलजोल का पाठ हो सकता है। यह एक असंभव फिल्‍म रही होगी,जिसे निखिल और रंजीत ने मिल कर संभव किया है। फिल्‍म की बुनावट में कुछ ढीले तार हैं,लेकिन उनकी वजह से फिल्‍म पकड़ नहीं छोड़ती। मुंबई में हिंदी फिल्‍म बिरादरी के वरिष्‍ठों के साथ इसे देखते हुए महसूस हुआ कि वे उत्‍तर भारत की ऐसी सच्‍चाइयों से वाकिफ नहीं हैं। देश के दूसरे नावाकिफ दर्शकों की भी समान प्रतिक्रिया हो सकती है। कैसे कोई मान ले कि मुरादाबाद का उभरता महात्‍वाकांक्षी गायक भेजपुरी के मशहूर गायक मनोज तिवारी को अपनी पहली सीडी भेंट करने के लिए जान की बाजी तक लगा सकता है ? केशव गिरहोत्रा(हिंदी फिल्‍मों में नहली बार आया है यह उपनाम) मुराबाद के लायब्रेरियन का बेटा है। उसे गायकी का शौक है। उसका ख्‍वाब है कि उसका भी एक बैंड हो। तालियां बाते दर्शकों...

कोएक्‍टर से प्रतिस्‍पर्धा नहीं करता-दीपक डोबरियाल

Image
कोएक्‍टर से प्रतिस्‍पर्धा नहीं करता-दीपक डोबरियाल -अजय ब्रह्मात्‍मज पिछले दिनों आई ‘ हिंदी मीडियम ’ में उन्‍होंने श्‍याम प्रकाश की भूमिका से दर्शकों को रुला कर उनका दिल जीता। दीपक डोबरियाल ने इसके पहले ‘ तनु वेड्स मनु ’ की दोनों फिल्‍मों में दर्शकों कां हंसने का मौका दिया था। रुलाने और हंसाने की इस काशिश में दीपक विभिन्‍न किरदारों के साथ पर्दे पर आना चाहते हैं। उनकी दो फिल्‍में जल्‍द ही दर्शकों के बीच होंगी। - कौन कौन सी फिल्‍में आ रही हैं आप की ? 0 अक्षत वर्मा की ‘ काला कांडी ’ आएगी। उन्‍होंने इसके पहले ‘ डेहली बेली ’ लिखी थी। वे अलग तरह से सोचते और लिखते हैं। फिल्‍ममेकिंग भी उनकी अलग है। उसके पहले रंजीत तिवारी की ‘ लखनऊ सेंट्रल ’ आ जाएगी। इसके निर्माता निखिल आडवाणी हैं। उसमें फरहान अख्‍तर मेन लीड में हैं। वह कैदियों के बैंड ग्रुप पर है। एक और फिल्‍म की है ‘ कुलदीप पटवाल ’ । - ‘ काला कांडी ’ के बारे में अभी क्‍या बता सकेंगे ? 0 ‘ काला कांडी ’ एक शहर की कहानी है।  उस शहर की एक रात की कहानी है। उसमें तीन कहानियां एक साथ आगे बढ़ती हैं। बररिश की रात है। रो...