फिल्म समीक्षा : रॉकी हैंडसम
एक्शन से भरपूर -अजय ब्रह्मात्मज निशिकांत कामत निर्देशित ‘ रॉकी हैंडसम ’ 2010 में आई दक्षिण कोरिया की फिल्म ‘ द मैन फ्रॉम नोह्वेयर ’ की हिंदी रीमेक है। निशिकांत कामत के लिए रितेश शाह ने इसका हिंदीकरण किया है। उन्होंने इसे गोवा की पृष्ठभूमि दी है। ड्रग्स,चाइल्ड ट्रैफिकिंग,आर्गन ट्रेड और अन्य अपराधों के लिए हिंदी फिल्म निर्देशकों को गोवा मुफीद लगता है। ‘ रॉकी हैंडसम ’ में गोवा सिर्फ नाम भर का है। वहां के समुद्र और वादियों के दर्शन नहीं होते। पूरी भागदौड़ और चेज भी वहां की नहीं लगती। हां,किरदारों के कोंकण और गोवन नामों से लगता है कि कहानी गोवा की है। बाकी सारे कार्य व्यापार में गोवा नहीं दिखता। बहरहाल, यह कहानी रॉकी की है। वह गोवा में एक पॉन शॉप चलाता है। उसके पड़ोस में नावोमी नाम की सात-आठ साल की बच्ची रहती है। उसे रॉकी के अतीत या वर्त्तमान की कोई जानकारी नहीं है। वह उसे अच्छा लग्ता है। वह रॉकी से घुल-मिल गई है। उसे हैंडसम बुलाती है। नावोमी की मां ड्रग एडिक्ट है। किस्सा कुछ यों आगे बढ़ता है कि ड्रग ट्रैफिक और आर्गन ट्रेड में शामिल अपराधी नावोमी का अपहरण कर ...