फिल्म समीक्षा : क्रेजी कुक्कड़ फैमिली
-अजय ब्रह्माात्मज स्टार: तीन रितेश मेनन की 'क्रेजी कुक्कड़ फैमिली' भिन्न किस्म की कॉमेडी फिल्म है। चार असफल संतानों के पिता बेरी एक बार फिर कोमा में चले गए हैं। इस बार नालायक संतानों को उम्मीद है कि उनका इंतकाल हो जाएगा। इसी उम्मीद में वे एकत्रित होते हैं। सभी को धन की जरूरत है। पिता की जायदाद से हिस्सा मिलने पर ही उनकी जिंदगी की फिसली गाड़ी पटरी पर लौट सकती है। पिता की वसीयत वकील गुप्ता के पास है। वसीयत पढ़े जाने की एक शर्त यह है कि चारों की शादी हो जानी चाहिए। चारों संतान पिता के पास पहुंचते हैं। पवन और अर्चना की शादी हो चुकी है। अमन किराए पर बीवी लेकर आया है और अभय की शादी आनन-फानन में तय कर दी जाती है, लेकिन मंडप में ठीक फेरे के समय राज खुलता है कि उसने भी शादी कर ली है, लेकिन... बहरहाल वसीयत जाहिर होने के पहले हड़बोंग मचा रहता है। सभी एक-दूसरे पर आरोप लगाने और खुद को सच्चा-सीधा साबित करने में लगे रहते हैं। घर के नौकर और मां ही केवल बेरी की सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं। संतान तो इंतजार में हैं कि पिता मरे और वे अपना हिस्सा लेकर निकलें। 'क्रेज...