फिल्म समीक्षा : जॉन डे
बेहतरीन परफारमेंस की औसत फिल्म -अजय ब्रह्मात्मज इस फिल्म के निर्माता अंजुम रिजवी के उल्लेखनीय समर्थन से युवा निर्देशकों के सपने पूरे होते हैं। नीरज पांडे की 'ए वेडनसडे' के मूल निर्माता अंजुम रिजवी ही थे। वे युवा प्रतिभाओं में निवेश करते हैं। उनके समर्थन और सहयोग से बनी कुछ फिल्में चर्चित भी हुई है। 'जॉन डे' उनका नया निवेश है। इस फिल्म के निर्देशक अहिशोर सोलोमन हैं। उन्होंने नसीरुद्दीन शाह और रणदीप हुड्डा के साथ यह कहानी बुनी है। फिल्म के आरंभ में एक लड़की हादसे का शिकार होती है। पता चलता है कि वह एक बैंक कर्मचारी की बेटी है। वे अभी इस गम से उबरते भी नहीं हैं कि बैंक में डकैती के साथ उनकी बीवी पर हमला होता है। एक दस्तावेज जॉन के हाथ लगता है, जो गौतम (रणदीप हुड्डा) के लिए जरूरी है। वे उस दस्तावेज की पड़ताल कर अभियुक्तों तक पहुंचना चाहते हैं। जॉन और गौतम एक-दूसरे की राह नहीं काटते, लेकिन संयोग कुछ ऐसा बनता है कि वे एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े नजर आते हैं। दोनों ही बर्बर चरित्र हैं। अहिशोर सोलोमन ने दो-चार किरदारों को लेकर एक रोमांचक फिल्म बनाने की कोशिश क...