मान्यता की माँग में सिन्दूर
मान्यता की माँग में सिन्दूर देख कर कई लोगों को हैरत हो रही होगी.दुबई से मुम्बई आई एक सामान्य सी लड़की की आंखों में कई सपने रहे होंगे.इन सपनों को बुनने में हमारी हिन्दी फिल्मों ने ताना-बाना का काम किया होगा.तभी तो वह मुम्बई आने के बाद फिल्मों में पाँव टिकने की कोशिश करती रही.उसे कभी कोई बड़ा ऑफर नहीं मिला.हाँ,प्रकाश झा ने उसे 'गंगाजल'में एक आइटम गीत करने का मौका दिया। मान्यता ने वहाँ से संजय की संगिनी बनने तक का सफर अपनी जिद्द से तय किया। गौर करें कि यह किसी भी सामान्य लड़की का सपना हो सकता है कि वह देश के सबसे चर्चित और विवादास्पद फिल्म ऐक्टर की की संगिनी बने.चवन्नी बार-बार संगिनी शब्द का ही इस्तेमाल कर रहा है.इसकी भी ठोस वजह है.अभी मान्यता को पत्नी कहना ठीक नहीं होगा.संजय दत्त के इस भावनात्मक उफान के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.कल को वे किसी और के साथ भी नज़र आ सकते हैं.दोनों की शादी का मकसद सिर्फ साथ रहना है.दोनों दो सालों से साथ रह ही रहे थे.दवाब में आकर संजय ने भावनात्मक उद्रेक में शादी की बात मान ली। चवन्नी इसे मान्यता के दृष्टिकोण से बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रहा है.जिस...