फिल्म समीक्षा:बम बम बोले
-अजय ब्रह्मात्मज प्रियदर्शन के निर्देशकीय व्यक्तित्व के कई रूप हैं। वे अपनी कामेडी फिल्मों की वजह से मशहूर हैं, लेकिन उन्होंने कांजीवरम जैसी फिल्म भी निर्देशित की है। कांजीवरम को वे दिल के करीब मानते हैं। बम बम बोले उनकी ऐसी ही कोशिश है। यह ईरानी फिल्मकार माजिद मजीदी की 1997 में आई चिल्ड्रेन आफ हेवन की हिंदी रिमेक है। प्रियदर्शन ने इस फिल्म का भारतीयकरण किया है। यहां के परिवेश और परिस्थति में ढलने से फिल्म का मूल प्रभाव बदल गया है। पिनाकी और गुडि़या भाई-बहन हैं। उनके माता-पिता की हालत बहुत अच्छी नहीं है। चाय बागान और दूसरी जगहों पर दिहाड़ी कर वे परिवार चलाते हैं। गुडि़या का सैंडल टूट गया है। पिनाकी उसे मरम्मत कराने ले जाता है। सैंडिल की जोड़ी उस से खो जाती है। दोनों भाई-बहन फैसला करते हैं कि वे माता-पिता को कुछ नहीं बताएंगे और एक ही जोड़ी से काम चलाएंगे। गुडि़या सुबह के स्कूल में है। वह स्कूल से छूटने पर दौड़ती-भागती निकलती है, क्योंकि उसे भाई को जूते देने होते हैं। भाई का स्कूल दोपहर में आरंभ होता है। कई बार गुडि़या को देर हो जाती है तो पिनाकी को स्कूल पहुंचने में देर होती है। जूते खर...