आज भी लगता है डर : अनुष्का शर्मा
यंग लॉट की अनुष्का शर्मा नित नई सफलता हासिल कर रही हैं। बतौर अभिनेत्री तो वे स्थापित नाम बन चुकी हैं ही, निर्माता के तौर पर भी वे अपनी एक अलग जगह बनाने में जुटी हुई हैं। उनकी अगली पेशकश ‘दिल धड़कने दो’ है। उन्होंने साझा की अदाकारी के सफर और फिल्मों को लेकर अपने अनुभव : -अजय ब्रह्मात्मज -फिल्मों को लेकर आप को चूजी कहा जा सकता है? जी हां। मेरी पूरी प्राथमिकता सही फिल्में व फिल्मकारों के चयन पर केंद्रित रहती हैं। अनुराग कश्यप भी उनमें से एक थे। तभी ‘बैंड बाजा बारात’ के बाद ही ‘बॉम्बे वेल्वेट’ मेरे पास आई तो मैंने मना नहीं कर सकी। इनफैक्ट मैं उस फिल्म में कास्ट होने वाली पहली कलाकार थी। मेरे बाद धीरे-धीरे सब आए। मैं कमर्शियल फिल्में देने वालों के संग भी काम कर रही हूं और जो लीक से हटकर बना रहे हैं, उनके साथ भी। अनुराग जैसे फिल्मकार किसी भी आम या खास चीज को एक अलग तरीके से एडैप्ट कर लेते हैं। मिसाल के तौर पर ‘देवदास’ को उन्होंने ‘देव डी’ बना दिया। ‘देव डी’ का नायक डिप्रेस होकर पागल नहीं हो जाता। वह चंद्रमुखी के साथ चला जाता है। वह एंगल मुझे बहुत भाया था। मुझे खुद भी मोनोटनी से नफरत है।