प्रेम-रोमांस : द रोड होम
प्रेम-रोमांस-2 प्रेम-रोमांस सीरिज में दूसरा लेख राहुल सिंह का है। राहुल ने चीनी फिल्म 'द रोड होम' के बारे में लिख है। राहुल सिंह देवघर में रहते हैं। पेशे से अध्यापक है। उनसे हिन्दी विभाग , ए एस महाविद्यालय , देवघर , पिन-814112 , झारखण्ड , मो॰-09308990184 ई मेल- alochakrahul@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। मृत्यु की छांह में प्रेम की दास्तानः द रोड होम - राहुल सिंह एक बेहद प्यारी फिल्म जिसकी शुरुआत मौत की खबर और समापन शवयात्रा से होती है। अमूमन फ्लैश बैक में फिल्में ब्लैक एंड व्हाईट हो जाया करती हैं लेकिन ‘ द रोड होम ’ इसके उलट फ्लैश बैक में रंगों से लबरेज और वर्तमान में स्याह-सफेद में सिमटी रहती है। अतीत का अंततः खुशनुमा होना और वर्तमान का अंततः दुःखदायी होना रंग विन्यास के इस उलटफेर को जस्टिफाई करता है। पिता की मृत्यु की खबर सुनकर उनके अंतिम संस्कार को लौटा बेटा ल्वो य्वीशंग (हुगलेई सुन) के स्मृतियों के गर्भ में लगायी गयी डुबकी के साथ फिल्म कायदन शुरु होती है। उत्तरी चीन की एक पहाड़ी गांव सैन्ह्यून में साल 1958 में फिल्म की कहानी शुरु होती है। जब उस गांव क