अश्लील नहीं है हंटर- हर्षवर्द्धन कुलकर्णी
-अजय ब्रह्मात्मज प्रोफेसर और पोएट जीवी कुलकर्णी के बेटे हर्षवर्द्धन कुलकर्णी को घर में साहित्यिक और सृजनशील माहौल मिला। पिता कर्णाटक के धारवाड़ से मुंबई आ गए थे। हर्षवर्द्धन की परवरिश मुंबई में ही हुई। पढ़ाई-लिखाई में अच्छे थे तो मध्यवर्गीय परिवार के दबाव में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। कॉलेज के दिनों में थिएटर की संगत रही। भाई की सलाह पर पुणे पढऩे गए। पुणे में सांस्कृतिक माहौल मिला। पुणे प्रवास के दौरान हमेशा एफटीआईआई के सामने की सडक़ से आना-जाना होता था तो वह बुलाता था। मन में हूक सी होती थी कि यहां से कुछ करना है।पढ़ाई पूरी करने के बाद हर्षवद्र्धन मुंबई आ गए। यहां प्रदीप उप्पुर सीआईडी के निर्देशक बीपी सिंह के साथ मिल कर ‘आहट’ आरंभ करने जा रहे थे। यह 1995 की बात है। ‘आहट’ के लिए छह-सात महीने काम करने का अनुभव हुआ और वे चीफ असिस्टैंट तक बन गए थे। इस बीच एफटीआईआई में एडमिशन मिल गया। उस समय सभी ने मना किया,लेकिन बीपी सिंह ने स्पष्ट सलाह दी कि मुझे जाना चाहिए। अपना स्वर हासिल करना चाहिए। अब लगता है कि उनकी सलाह नेक और दूरगामी प्रभाव की थी। एफटी...