दरअसल : रिलीज के पहले की ‘प्रोमोशनल एक्टिविटी
-अजय ब्रह्मात्मज फिल्मों की रिलीज से पहले इन दिनों स्टार कलाकारों की स्थिति, गति और हालत भारतीय पारंपरिक विवाह के दूल्हे-दुल्हन जैसी हो जाती है,जिन्हें विवाह के विधि-विधान और संस्कारों की कोई जानकारी नहीं रहती। मां-बाप, परिवार के सदस्य और फिर पंडित के कहे मुताबिक वे सारी चर्याएं पूरी करते हैं। मेरे एक मित्र ने पंडित जी से एक बार पूछ लिया था कि अग्नि में चम्मच से तीन बार घी क्यों डालते हैं? क्या एक साथ कटोरी से घी नहीं डाल सकते। पंडित जी के पास जवाब नहीं था और मां-बाप नाराज हो गए थे। दोस्तों ने सलाह दी कि पूछो मत। कर दो पंडित जी जो कह रहे हैं। दरअसल, विवाह की तरह ही फिल्मों की रिलीज भी एक अनुष्ठान है। स्टार दूल्हा-दुल्हन हैं। उन्हें बगैर सवाल किए चरण स्पर्श से लेकर विधि-विधान निभाने पडते हैं। रिलीज के बाद फिल्मों की नई जिंदगी आरंभ होती है। पिछले दिनों सलमान खान मुलायम सिंह यादव के सैफई महोत्सव में नाच आए। फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले। उनके आलोचकों ने उनकी इन गतिविधियों की निंदा की। त...