जाना प्रोडक्शन डिजाइनर समीर चंदा का
-अजय ब्रह्मात्मज हिंदी सिनेमा में पर्दे के पीछे सक्रिय व्यक्तियों में हम डायरेक्टर के अलावा म्यूजिक डायरेक्टर, गीतकार और कहानीकारों को जानते हैं। पिछले कुछ समय से ऐक्शन का जोर बढ़ा है, तो ऐक्शन डायरेक्टर के भी नाम आने लगे हैं। अफसोस की बात यह है कि आर्ट डायरेक्टर या प्रोडक्शन डिजाइनर की हम चर्चा कभी नहीं करते। उनके योगदान को रेखांकित ही नहीं किया जाता। फिल्म समीक्षाओं में भी उनके नामों का उल्लेख नहीं होता। सच्चाई यह है कि इन दिनों फिल्मों की लुक और फील तय करने में प्रोडक्शन डिजाइनर की बड़ी भूमिका होती है। वे फिल्म निर्माण का अहम हिस्सा होते हैं। दो हफ्ते पहले सक्रिय प्रोडक्शन डिजाइनर समीर चंदा का देहांत हो गया। वे अभी केवल 54 साल के थे। निर्माता-निर्देशकों के प्रिय समीर को कभी किसी ने ऊंची आवाज में बोलते नहीं सुना। आप कैसी भी जिम्मेदारी सौंपें और कितना भी कम समय दें, समीर दा के पास हमेशा कोई न कोई समाधान रहता था। उनसे काम कराने वाले निर्देशक बताते हैं कि वे कम से कम पैसों में उपयोगी सेट तैयार करते थे। उनके सेट की यह विशेषता होती थी कि वे ओरिजिनल जैसी ही लगती थी। उनके देहांत के बाद मशह