सिनेमालोक : पोस्टर पर नहीं होती हिंदी
सिनेमालोक पोस्टर पर नहीं होती हिंदी - अजय ब्रह्मात्मज आजकल किसी भी फिल्म की घोषणा के साथ उसका फर्स्ट लुक आता है. फिल्म के निर्माता प्रोडक्शन हाउस और कलाकार फिल्म का फर्स्ट लुक सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. मीडिया(अखबार) में विज्ञापन छपते हैं.आपने शायद गौर नहीं किया होगा कि हिंदी फिल्मों के अधिकांश फर्स्ट लुक के पोस्टर पर फिल्मों के नाम रोमन में लिखे होते हैं. यह एक किस्म की लापरवाही है , जो दशकों से चली आ रही है. हिंदी समाज और हिंदी दर्शक भी बेपरवाह रहते हैं. उन्हें ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. याद करें या इंटरनेट सर्च करें तो पुरानी फिल्मों के पोस्टर पर फिल्मों के नाम हिंदी में मिल जाएंगे. हिंदी फिल्मों की शुरुआत से लेकर आजादी के बाद के कुछ दशकों तक यह सिलसिला चलता रहा. तब पोस्टर पर हिंदी फिल्मों के नाम हिंदी , उर्दू और रोमन में लिखे जाते थे. हिंदी का फोंट सबसे बड़ा होता था. साथ में छोटे फोंट में रोमन और उर्दू में भी नाम लिखे रहते थे. फिल्म में शीर्षक , कलाकार और तकनीशियनों की सूची भी हिंदी में लिखी जाती थी. धीरे धीरे अंग्रेजी के प्रमुखता बड़ी और फिर हिंदी लगभग गायब हो गई. कैस...