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रॉन्ग नंबर के लोग विरोध कर रहे हैं : आमिर खान

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-स्मिता श्रीवास्‍तव  विवादों के बीच राजकुमार हिरानी की 'पीके' 200 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी है। फिल्म पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा है। फिल्म को लेकर उठने वाले विवाद के पीछे इसमें दिखाए गए कुछ दृश्य हैं। दरअसल, 'पीके' में धर्म के नाम पर होने वाली कुरीतियों पर कड़ा प्रहार किया गया है। भगवान और धर्म-कर्म के नाम पर चल रहे धार्मिक उद्योगों पर सवालिया निशान लगाया गया है। फिल्म चमत्कार दिखाने वाले संतों को भी कठघरे में खड़ा करती है। हवा से सोना पैदा करने वाले बाबा चंदा क्यों लेते हैं या देश की गरीबी क्यों नहीं दूर करते? धर्म के नाम पर खौफ पैदा करने वालों पर भी नकेल कसी गई है। फिल्म में स्पष्ट संदेश है कि जब ईश्वर ने तर्क-वितर्क की शक्ति दी है तो अतार्किक बातों पर हम आंखें मूंद कर विश्वास क्यों करते हैं। इन सबके बीच सवाल उठ रहा है कि सिर्फ हिंदू धर्म पर ही चोट क्यों की गई। बाकी धर्मालंबियों पर ऊंगली क्यों नहीं उठाई? पूछने पर आमिर खान कहते हैं, 'फिल्म मानवता का संदेश देती है। दूसरा, अंधविश्वास के खिलाफ अलख जग...

पीके फिल्‍म की धुरी है यह गीत और संवाद

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पीके के पर चल रहे इस विवाद के संदर्भ में कि फिल्‍म में केवल हिंदू धर्म और साधु-संतों पर निशाना साध गया है...  पेश है फिल्‍म का एक गीत और वह महत्‍वपूर्ण संवाद जो फिल्‍म की धुरी है....112वें मिनट से 116 वें मिनट तक आप फिल्‍म में इन्‍हें सुन सकते हैं।   Bhagwan Hai Kahan Re Tu Lyrics Hai suna ye poori dharti tu chalata hai Meri bhi sun le araj mujhe ghar bulata hai Bhagwan hai kahan re tu Hey Khuda hai kahan re tu Hai suna tu bhatke mann ko raah dikhata hai Main bhi khoya hun mujhe ghar bulata hai Bhagwan hai kahan re tu Hey Khuda hai kahan re tu Aa... Main pooja karun ya namajein padhun Ardaasein karun din rain Na tu Mandir mile, na tu Girje mile Tujhe dhoondein thake mere nain Tujhe dhoondein thake mere nain Tujhe dhoondein thake mere nain Jo bhi rasmein hain wo saari main nibhata hoon In karodon ki tarah main sar jhukata hoon Bhagwan hai kahan re tu Aye Khuda hai kahan re tu Tere naam kayi, tere chehre kayi Tujhe paane ki raahein kayi Har raa...

बस अच्छी फिल्में करनी है - अनुष्का शर्मा

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फिल्मों के चयन में काफी एहतियात बरतती हैं अनुष्का शर्मा। 'पीके' में आमिर खान के साथ काम करके वह हैं काफी उत्साहित हैं। अजय ब्रह्मात्मज से साक्षात्कार के अंश... आपको इस बात का इल्म कब हुआ कि आप असल में अपने करियर से क्या चाहती हैं? मुझे पिछले दो-तीन सालों में इस बात का एहसास हुआ कि मुझे अपने करियर से चाहिए क्या? उन सालों में मैंने चार फिल्में की। सब में अलग-अलग टाइप के रोल थे। अलग-अलग और अपनी-अपनी किस्सागोई में महारथी निर्देशकों के संग काम करने का मौका मिला। वहां से मुझे लगने लगा कि मुझे क्या करना है। मैंने तय कर लिया कि मुझे सिर्फ अच्छी फिल्में ही करनी हैं और अच्छे-अच्छे निर्देशकों के संग काम करना है। यह एहसास सफलता से हुआ। अगर आप सफल न हुई होतीं तो ऐसा एहसास हो पाता? असफल रहने पर भी मैं ऐसी ही रहती। मेरे ख्याल से मैं ऐसी हूं तभी मुझे सफलता मिली है। मैंने वह सब नहीं किया, जो बहुत सारे लोगों ने मुझे सजेस्ट किया। वह भी तब, जब मैं रेस में भाग रही थी। यही वजह है कि पिछले छह सालों में मेरी फिल्मों का आंकड़ा डबल डिजिट में नहीं है। अब जब मैं इंडस्ट्री में अच्छी प...

दरअसल : राजकुमार हिरानी और अभिजात जोशी

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-अजय ब्रह्मात्मज     हिंदी फिल्मों के इतिहास में सलीम-जावेद की जोड़ी मशहूर रही है। दोनों ने अनेक सफल फिल्मों का लेखन किया। दोनों बेहद कामयाब रहे। उन्होंने फिल्मों के लेखक का दर्जा ऊंचा किया। उसे मुंशी से ऊंचे और जरूरी आसन पर बिठाया। उनके बाद कोई भी जोड़ी बहुत कामयाब नहीं रही।  लंबे समय के बाद राजकुमारी हिरानी और अभिजात जोशी की जोड़ी कुछ अलग ढंग से वैसी ही ख्याति हासिल कर रही है। अभी देश का हर दर्शक राजकुमार हिरानी के नाम से परिचित है। ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’, ‘लगे रहो मुन्नाभाई’, ‘3 इडियट’ और इस हफ्ते आ रही ‘पीके’ के निर्देशक राजकुमार हिरानी ने हिंदी फिल्मों को नई दिशा दी है। उन्होंने मनोरंजन की परिभाषा बदल दी है। उन्होंने अपनी तीनों फिल्मों से साबित किया है कि मनोरंजन के लिए आसान और आजमाए रास्तों पर ही चलना जरूरी नहीं है। लकीर छोडऩे पर भी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है।     अभिजात जोशी उनके सहयोगी लेखक हैं। ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ से दोनों साथ आए। दोनों के बीच संयोग से मुलाकात हुई। 1992 में अयोध्या में घटना के बाद अहमदाबाद में हुए सांप्रदायिक दंगों के परिप्रेक...

फिल्‍म समीक्षा : पीके

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-अजय ब्रह्मात्‍मज .. ..बहुत ही कनफुजिया गया हूं भगवान। कुछ तो गलती कर रहा हूं कि मेरी बात तुम तक पहुंच नहीं रही है। हमारी कठिनाई बूझिए न। तनिक गाइड कर दीजिए... हाथ जोड़ कर आपसे बात कर रहे हैं...माथा जमीन पर रखें, घंटी बजा कर आप को जगाएं कि लाउड स्पीकर पर आवाज दें। गीता का श्लोक पढ़ें, कुरान की आयत या बाइबिल का वर्स... आप का अलग-अलग मैनेजर लोग अलग-अलग बात बोलता है। कौनो बोलता है सोमवार को फास्ट करो तो कौनो मंगल को, कौनो बोलता है कि सूरज डूबने से पहले भोजन कर लो तो कौनो बोलता है सूरज डूबने के बाद भोजन करो। कौनो बोलता है कि गैयन की पूजा करो तो कौनो कहता है उनका बलिदान करो। कौना बोलता है नंगे पैर मंदिर में जाओ तो कौनो बोलता है कि बूट पहन कर चर्च में जाओ। कौन सी बात सही है, कौन सी बात लगत। समझ नहीं आ रहा है। फ्रस्टेटिया गया हूं भगवान... पीके के इस स्वगत के कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के पेशावर में आतंकवादी मजहब के नाम पर मासूम बच्चों की हत्या कर देते हैं तो भारत में एक धार्मिक संगठन के नेता को सुर्खियां मिलती हैं कि 2021 तक वे भारत से इस्लाम और ईसाई ...

‘3 इडियट’ के तीनों इडियट ही ला रहे हैं ‘पीके’

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आमिर खान ने आगामी फिल्म ‘पीके’ के प्रचार के लिए इस बार नया तरीका अनपाया है। वे इस फिल्म की टीम के साथ सात शहरों की यात्रा पर निकले हैं। आज पटना से इसकी शुरुआत हो रही है। इस अभियान में वे ‘3 इडियट’ का प्रदर्शन करेंगे और फिर आमंत्रित दर्शकों से बातचीत करेंगे। पटना के बाद वे बनारस, दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद, जयपुर और रायपुर भी जाएंगे। पटना के लिए उड़ान भरने से पहले उन्होंने अजय ब्रह्मात्माज से खास बातचीत की। प्रचार के इस नए तरीके के आयडिया के बारे में बताएं ? हमलोग ‘3 इडियट’ दिखा रहे हैं। मकसद यह बताने का है कि ‘3 इडियट’ की टीम एक बार फिर आ रही है। इस बार वही टीम ‘पीके’ ला रही है। ‘3 इडियट' के तीनो इडियट राजू,विनोद और मैं अब ‘पीके’ लेकर आ रहे हें। हमलोग तयशुदा सात शहरों में ‘3 इडियट’ की स्क्रीनिंग करेंगे। इस स्क्रीनिंग में आए लोगों के साथ फिल्म खत्म होने के बाद हमलोग बातचीत करेंगे। कोशिश है कि हमलोग ग्रास रूट के दर्शकों से मिलें। पटना से शुरूआत करने की कोई खास वजह...? पटना से शुरूआत करने की यही वजह है कि ‘पीके’ में मेरा किरदार भोजपुरी बोलता है। वास्तव में हमलो...

पीके का पोस्‍टर

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