काव्य माधुरी
हां, यह फिल्म प्रमोशन का हिस्सा है। इन दिनों जब हर कोई प्रमोशन के अलग-अलग तरीके आजमा रहा है,बनारस मीडिया वर्क्स के अनुभव सिन्हा ने 'गुलाब गैंग्' के लिए माधुरी दीक्षित से कुछ कविताओं का पाठ करवाया और उसन्हें स्टे एंग्री (नाराज रहाे) सीरिज में पेश किया। यकीनन वे बधाई के पात्र हैं और माधुरी दीक्षित भी। वे डरते हैं किस चीज़ से डरते हैं वे तमाम धन दौलत गोला बारूद पुलिस फ़ौज़ के बावजूद वे डरते हैं कि एक दिन निहत्थे और गरीब लोग उनसे डरना बंद कर देंगे। -गोरख पांडे न मुंह छुपा के जिए न सिर झुका के जिए सितमगरों की नजर से नजर मिला कर जिए अब एक रात कम लिए तो कम ही सही यही बहुत है कि हम मशाले जला कर लिए 'साहि लुधियानवी