रोज़ाना : नमक हलाल की री-रिलीज
रोज़ाना नमक हलाल की री-रिलीज -अजय ब्रह्मात्मज इस कॉलम की शुरूआत हम ने सुभाष घई की फिल्म ‘ ताल ’ की खास स्क्रीनिंग से की थी। मुंबई में आयोजित उस शो में फिल्म के संगीतकार और कैमरामैन आए थे। उन्होंने अपनी यादें शेयर की थीं। पुरानी फिल्मों को फिर से देखना या पहली बार देखना अनोखा अनुभव होता है। पुरानी पीढ़ी फिल्म देखते हुए डायरी के पन्ने पलटती है और उस शो में साथ आए दोस्तों-परिजनों के साथ उन लमहों को याद करती है। नई पीढ़ी ऐसी फिल्मों के जरिए अपने इतिहास से वाकिफ होती है। मोबाइल फोन पर फिल्म देखने की सुविधा आ जाने के बावजूद फिल्म देखने का पूरा आनंद तो बड़े पर्दे पर ही आता है। पहले रीरिलीज का चलन था। पुरानी फिल्में विभिन्न अवसरों और ईद-होली जैसे त्योहारों पर रिलीज की जाती थीं। उन्हें देखने दर्शक उमड़ते थे। देखना है कि इस रविवार को मुंबई के जुहू पीवीआर और दिल्ली के नारायणा पीवीआर में 21 मई रविवार के दिन ‘ नमक हलाल ’ देखने कितने दर्शक आते हैं ? 30 अप्रैल 1982 को पहली बार रिलीज हुई यह फिल्म 35 सालों के बाद 21 मई को फिर से रिलीज हो रही है। प्रकाश मेहरा निर्देश...