मिसाल है मंटो की जिंदगी - नंदिता दास
अभिनेत्री नंदिता दास ने 2008 में फिराक का निर्देशन किया था। इस साल वह सआदत हसन मंटो के जीवन पर आधारित एक बॉयोपिक फिल्म की तैयारी में हैं। उनकी यह फिल्म मंटो के जीवन के उथल-पुथल से भरे उन सात सालों पर केंद्रित है,जब वे भारत से पाकिस्तान गए थे। नंदिता फिलहाल रिसर्च कर रही हैं। वह इस सिलसिले में पाकिस्तान गई थीं और आगे भी जाएंगी। - मंटो के सात साल का समय कब से कब तक का है? 0 यह 1945 से लेकर तकरीबन 1952 का समय है। इस समय पर मैैंने ज्यादा काम किया। उनके जीवन का यह समय दिलचस्प है। हमें पता चलता है कि वे कैसी मुश्किलों और अंतर्विरोधों से गुजर रहे थे। - यही समय क्यों दिलचस्प लगा आप को? 0 वे बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री के साथ थे। प्रोग्रेसिव रायटर मूवमेंट का हिस्सा थे। इस बीच हिंदू-मुस्लिम दंगे हो गए थे। उस माहौल का उन पर क्या असर पड़ा? उन्होंने कैसे उस माहौल के अपनी कहानी में ढाला। वे क्यों बॉम्बे छोड़ कर चले गए,जब कि वे बॉम्बे से बहुत ज्यादा प्यार करते थे। उन्होंने एक बार कहा था कि मुझे कोई घर मिला तो वह बम्बई था। यह अलग बात है कि उनका जन्म अमृतसर में हुआ था। वे दिन उनके लिए मुश्किल थ...