कैसे याद रखेंगे दिग्गजों को?
-अजय ब्रह्मात्मज एक सप्ताह के अंदर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दो दिग्गज दिवंगत हो गए। पहले दारा सिंह और फिर राजेश खन्ना.., दोनों अपने समय के खास कलाकार थे। अपने-अपने हिसाब से दोनों ने दर्शकों का मनोरंजन किया। उनके निधन के पश्चात पुरानी फिल्मों की तस्वीरों, फुटेज और यादगार लम्हों से उनके करियर और जीवन की जानकारी मिली। सच कहें तो आज के युवा दर्शकों को पहली बार दारा सिंह और राजेश खन्ना के महत्व का पता चला। लोकप्रिय संस्कृति का यह बड़ा दोष है कि वह मुख्य रूप से वर्तमान से संचालित होती है। अभी जो पॉपुलर है, हम उसी के बारे में सब कुछ जानते हैं। दोनों दिग्गजों की मौत के बाद मुमकिन है कि सभी ने महसूस किया हो कि ज्यादातर चैनलों पर उथली जानकारियां ही परोसी जा रही थीं। विकीपीडिया, आईएमडीबी और फिल्मी वेबसाइट से उठाई गई जानकारियों को ही रोचक तरीके से पेश किया जा रहा था। वैसे कहने को तो देश में हजारों फिल्म पत्रकार हैं और लाखों दर्शक-प्रशंसक सोशल मीडिया नेटवर्क पर अपने विचार प्रकट करते रहते हैं। ज्यादातर विचारों में सोच और संगति नहीं रहती। पूरे देश में एक भी ऐसी लाइब्रेरी, संग्...