दरअसल : महूरत का मौका और महत्व...
दरअसल: महूरत का मौका और महत्व... जागरण के 'सिने संवाद' स्तम्भ में वरिष्ठ फ़िल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज की कलम और नज़र से जानिए हिंदी सिनेमा की कुछ अनकही और दिलचस्प बातें... 9 जनवरी 2018 को निर्देशक इंद्र कुमार ने अपनी नई फिल्म ‘टोटल धमाल’ का महूरत किया। महूरत...मुहूर्त का बिगड़ा हुआ रूप महूरत ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में प्रचलित है। किसी भी फिल्म की शूटिंग आरंभ होने के पहले दिन शुभ मुहूर्त में पहला शॉट लिया जाता है। पुराने निर्माता महूरत पर खास ध्यान देते थे। खास मेहमानों और प्रेस के लोगों के बीच विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता था। पूजा-पाठ के बाद उस दिन बुलाए कलाकारों के साथ किसी एक सीन के कुछ संवाद बुलवा लिए जाते हैं। आज भी वही होता है,लेकिन अब आयोजन नही होता। उसे किसी इवेंट की तरह नहीं सेलिब्रेट किया जाता। परंपरा निभाई जाती है। नारियल फोड़ने के बाद कैमरा ऑन होता है। सभी एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। डेढ़ दशक पहले तक महूरत एक बड़ा आयोजन हुआ करता था। आज के मीडियाकर्मियों को याद भी नहीं होगा कि उन्होंने आखिरी महूरत कब देखा था। यों छ...