सिनेमालोक : थिएटर से आए एक्टर
सिनेमालोक थिएटर से आए एक्टर पारसी थियेटर के दिनों से फिल्मों में थिएटर से एक्टर आते रहे हैं. आज भी एनएसडी, बीएनए और अन्य नाट्य संस्थाओं और समूहों से एक्टरों की जमात आती रहती है. ड्रामा और थिएटर किसी भी एक्टर के लिए बेहतरीन ट्रेनिंग ग्राउंड हैं. ये कलाकारों को हर लिहाज से अभिनय के लिए तैयार करते हैं. थिएटर के प्रशिक्षण और अभ्यास से एक्टिंग की बारीकियां समझ में आती हैं. हम देख रहे हैं कि हिंदी फिल्मों में थिएटर से आये एक्टर टिके हुए हैं. वे लंबी पारियां खेल रहे हैं. लोकप्रिय स्टारों को भी अपने कैरियर में थिएटर से आये एक्टर की सोहबत करनी पड़ती है. लॉन्चिंग से पहले थिएटर एक्टर ही स्टारकिड को सिखाते, दिखाते और पढ़ाते हैं, आमिर खान चाहते थे कि उनके भांजे इमरान खान फिल्मों की शूटिंग आरंभ करने से पहले रंगकर्मियों के साथ कुछ समय बिताएं. वे चाहते थे कि लखनऊ के राज बिसारिया की टीम के साथ वे कुछ समय रहें और उनकी टीम के साथ आम रंगकर्मी का जीवन जियें. फिल्मों में आ जाने के बाद किसी भी कलाकार/स्टार के लिए साधारण जीवन और नियमित प्रशिक्षण मुश्किल हो जाता है. अपनी बातचीत में आमिर...