फिल्म समीक्षा : तेरी मेरी कहानी
-अजय ब्रह्मात्मज तीन दौर में फैली कुणाल कोहली की तेरी मेरी कहानी मुख्य रूप से आठ किरदारों की कहानी है। दो-दो प्रेम त्रिकोण और एक सामान्य प्रेम कहानी की इस फिल्म का सार और संदेश यही है कि समय चाहे जितना बदल जाए, प्यार अपने रूप-स्वरूप में एक सा ही रहता है। समय के हिसाब से हर काल में उसकी अभिव्यक्ति और लक्षणों में बदलाव आ जाता है, लेकिन प्रेमी युगलों की सोच,धड़कनें, मुश्किलें, भावनाएं, शंकाएं और उम्मीदें नहीं बदल पातीं। कुणाल कोहली ने तीनों दौर की कहानियों को पेश करने का नया शिल्प चुना है। दोराहे तक लाकर वे तीनों प्रेम कहानियों को छोड़ते हैं और फिर से कहानी को आगे बढ़ाते हुए एक राह चुनते हैं, जो प्रेमी-प्रेमिका का मिलन करवाती है। तीनों दौर में प्रेमी-प्रेमियों के बीच कोई खलनायक नहीं है। उनकी शंकाएं, उलझनें और अपेक्षाएं ही कहानी को आगे बढ़ाती हैं। कहानी के विस्तार में जाने से दर्शकों की जिज्ञासा खत्म होगी। कुणाल कोहली ने तीनों दौर के प्रेमी-प्रेमिका के रूप में प्रियंका चोपड़ा और शाहिद कपूर को चुना है। हर काल के हिसाब से उनकी भाषा, वेशभूषा और परिवेश में...