खुद को खुश रखती है तापसी पन्नू
- अजय ब्रह्मात्मज मैं हमेशा खुद को खुश रखती हूं। मुझे नहीं लगता कि जिंदगी में कुछ भी इतनी तकलीफ दे कि जीना मुहाल हो जाए। खुशी तो अपनी पसंद की चीज है। मेरे पास खुश रहने के सौ बहाने हैं। मैं क्यों दुखी रहूं? मैं फिल्मों में काम करती हूं। यहां खुश रहना मुश्किल काम है। मुझे खुद को हिलाना-ड़लाना पडता है। कई चीजों से खुद को काटना पड़ता है। जबरदस्त प्रतियोगिता और होड़ है। मिलनेवाला हर व्यक्ति यही पूछता है कि अभी क्या कर रही हो? उन्हें यही जवाब देती हूं कि पहले जो किया है,उसकी खुशी तो मना लूं। मुझे पूछ कर तनाव मत दो। हम सब इसी होड़ में लगे रहते हैं कि अभी कुछ ऐसा करें कि चार साल बाद खुश हों। ऐसे लोग चार साल बाद भी खुश नहीं रहते। वे उस समय पांच साल बाद की खुशी के यत्न में लगे रहते हैं। कभी भी जिंदगी समाप्त नहीं होती। आप सोच कर देखें तो जितने आप से ऊपर हैं,उतने ही आप से नीचे भी हैं। जिंदगी के हर दिन को जीना जरूरी है। यह सोचना ठीक नहीं है कि मुझे ये नहीं मिला,वो नहीं मिला। अरे जो मिला है,उसे तो एंज्वॉय करो। मैं तो कुछ नहीं होता है तो भगवान से पूछती हूं कि आप मेर...