संग-संग : सुभाष कपूर-डिंपल खरबंदा
हमसफर -अजय ब्रह्मात्मज जॉली एलएलबी के निर्देशक सुभाष कपूर ने पत्रकारिता से करिअर आरंभ किया। उन्हीं दिनों डिंपल से उनेी मुलाकात हुई। दोनों पहले दोस्त,फिर प्रेमी और आखिरकार पति-पत्नी बन गए। उनके सुखी दांपत्य का सीधा रहस्य है परस्पर विश्वास और एक-दूसरे की क्षमताओं को बढ़ावा देना। दोनों दिल्ली से मुंबई आ गए हैं। मुलाकात और परिचय सुभाष कपूर - पहली मुलाकात हमारी होम टीवी में हुई। जहां ये पहले से काम कर रही थीं। मुझे तारीख तक याद है। 2 जनवरी 1995 को हम मिले थे। करण थापर के साथ ऑफिस में मेरा पहला दिन था। पहले दिन जिन चार-पांच लोगों से मिला उनमें से एक डिंपल भी थीं। मुझे एक चीज बहुत स्ट्राइकिंग लगी थी। इनके टेबल पर जेम्स बांड की फिल्म ‘टुमोरो नेवर डाइज’ का दीवार से उखाड़ा पोस्टर लगा हुआ था। इन्होंने जिंस और जैकेट-टी शर्ट वगैरह पहन रखा था। गोरी-चिट्टी छोटे बालों की सुंदर लडक़ी को देख कर मैं दंग रह गया था। मैं तो हिंदी मीडियम से पढ़ कर आया था। ऐसी लड़कियां कहां देखता? डिंपल - मैं करनाल की हूं। मेरा परिवार पहले वहीं था। बाद में हमलोग दिल्ली चले आए। तकरीबन 14 साल की उम्र में दिल्...