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अभिनेत्री करीना कपूर बनाम ब्रांड बेबो

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ताजा खबर है कि करीना कपूर ने एक साबुन के विज्ञापन के लिए करोड़ों की रकम ली है। इस तरह वह विज्ञापन से कमाई करनेवाली महंगी अभिनेत्रियों में से एक हो गई हैं। इन दिनों वह हर तरह के कंज्यूमर प्रोडक्ट के विज्ञापनों में दिख रही हैं। अभिनेत्रियों की मांग कॉस्मेटिक, पर्सनल केयर प्रोडक्ट और ज्वेलरी के विज्ञापनों में ज्यादा रहती है। करीना कपूर इस तरह के विज्ञापनों में आगे हैं। वह लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट बेचने के लिए सबसे उपयुक्त एक्ट्रेस मानी जा रही हैं। इन दिनो फिल्म अभिनेत्रियों की कमाई का बड़ा हिस्सा विज्ञापनों से आता है। पॉपुलर एक्टर की तरह पॉपुलर एक्ट्रेस भी इस कमाई पर पूरा ध्यान दे रही हैं। बाजार में करीना कपूर की मांग बढ़ने का एक कारण यह भी है कि पिछले साल उनकी फिल्म 'जब वी मेट' जबरदस्त हिट रही। उनके कुछ प्रशंसकों को लग सकता है कि शाहिद कपूर से अलग होकर उन्होंने अच्छा नहीं किया। नैतिकता के इस प्रश्न से उनके इमेज पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उल्टा दर्शकों के बीच उनकी चाहत बढ़ गई है। हीरोइनों के सपनों में खोए दीवाने दर्शकों के लिए करीना कपूर ऐसी आइकॉन बन गयी हैं, जो किसी एक सितारे से नहीं बंध...

रतलाम की गलियां

चवन्नी तो रवि रतलामी की वजह से रतलाम को जानता था.उसने अभी जब वी मेट फिल्म देखी.इसमें शाहिद कपूर के पीछे उतरी करीना की ट्रेन छोट जाती है तो वह शहीद पर ट्रेन पकड़वाने का दवाब डालती है.दोनों टैक्सी से रतलाम स्टेशन पहुँचते हैं.सामने प्लेटफॉर्म पर ट्रेन खड़ी है ,लेकिन करीना पानी के बोतल की ज्यादा कीमत के लिए उलझ जाती है और कंज्यूमर कोर्ट में जाने तक की बात करती है.इस बहस में उसकी ट्रेन फिर से छोट जाती है.फिर रतलाम रात की बाँहों में दिखाई पड़ता है.कुछ मनचले दिखते हैं.ऐसे मनचले हर शहर में प्लेटफॉर्म और बस स्टैंड पर मिल जायेंगे.चवन्नी को याद है कि कॉलेज के दिनों में उसके कुछ दोस्तों की शामें स्टेशन पर ही गुजरती थीं.उन्हें ट्रेन के आने-जाने का पूरा आईडिया रहता था.यहाँ तक तो सब सही लगता है। करीना प्लेटफॉर्म से बाहर आती है तो स्टेशन के बाहर उन औरतों के बीच अनजाने में खड़ी हो जाती है ,जो रात के ग्राहकों के इंतज़ार में हैं.तभी एक युवक मोटर साइकिल पर आता है और करीना से सौदा करता है.करीना उसे समझती है कि वह उस टाइप की नही है.वह युवक पीछे ही पड़ जाता है तो भागती है.संयोग से उसे फिर से शाहिद कपूर दिखता ह...

जब वी मेट: भारतीयता का रसीला टच

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-अजय ब्रह्मात्मज इम्तियाज अली की जब वी मेट शुद्ध मनोरंजक रोमांटिक कामेडी है। फिल्म पहले ही दृश्य से बांधती है। मुंबई से भटिंडा तक के सफर में यह फिल्म आपको हंसाती, गुदगुदाती और रिझाती हुई ले जाती है। शाहिद कपूर और करीना कपूर की रोमांटिक जोड़ी फिल्म का सबसे मजबूत और प्रभावशाली आधार है। आदित्य (शाहिद) अपने कंधों पर अचानक आ गई जिम्मेदारी से घबराकर यूं ही निकल जाता है। उसका यह निष्क्रमण गौतम बुद्ध की तरह नहीं है। वस्तुत: वह अपनी जिम्मेदारियों से पलायन करता है। ट्रेन में उसकी मुलाकात गीत (करीना कपूर) से होती है। बक-बक करने में माहिर गीत के दिल से खुशी लगातार छलक-छलक पड़ती है। जिंदगी को अपने ढंग से जीने पर आमादा गीत अपनी मुश्किलों में आदित्य को ऐसा फंसाती है कि उसे भटिंडा तक जाना पड़ता है। जब वी मेट एक स्तर पर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का भारतीय और अल्प बजट संस्करण है। मुंबई से मध्यप्रदेश, फिर राजस्थान और पंजाब होते हुए हिमाचल तक की यात्रा में हम विभिन्न प्रसंगों में ऐसे दृश्य देखते हैं, जो मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के फिल्मकारों के अनुभव और कल्पना के परे हैं। इम्तियाज अली के सटीक संवाद और दृश...