दरअसल:एक निर्देशक के बहाने
-अजय ब्रह्मात्मज काशी का अस्सी के स्क्रिप्ट लेखन में जुटे डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी से पिछले दिनों काफी लंबी बातचीत हुई। हिंदी के वर्तमान सिनेमा की स्थिति से खिन्न डॉ. द्विवेदी अपनी कोशिशों में लगे हैं। टीवी सीरियल चाणक्य और फिर फीचर फिल्म पिंजर के निर्माण के बाद उनकी कोई नई कृति दर्शकों के सामने नहीं आ पाई है। उन्होंने बताया कि इस अंतराल में वे रुके नहीं हैं। लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने उपनिषदों के आधार पर 52 एपिसोड में उपनिषद गंगा का लेखन और निर्देशन किया है। अपने इस कार्य से वे पूरी तरह संतुष्ट हैं और उन्हें विश्वास है कि चाणक्य की तरह ही दर्शक इसे भी सराहेंगे। संस्कृति और इतिहास में विशेष रुचि रखने की वजह से डॉ. द्विवेदी ने हमेशा सृजन के लिए ऐसे विषयों को चुना, जो सारगर्भित और स्थायी प्रभाव के हों। वे हिंदी फिल्मों के फैशन में कभी नहीं आ सके। यही कारण है कि श्रेष्ठ योग्यता के बावजूद उनकी कम कृतियां ही सामने आ पाई हैं। पिंजर के बाद उन्होंने पृथ्वीराज चौहान पर एक फिल्म की अवधारणा विकसित की, उसमें सनी देओल मुख्य भूमिका निभाने वाले थे। तभी राज कुमार संतोषी ने अजय देवगन के साथ पृथ्व...