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श्री देवी की सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्‍म 'सदमा'

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श्री देवी की सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्‍म -अजय ब्रह्मात्‍मज मैंने श्री देवी के आकस्मिक निधन की खबर आने के बाद फेसबुक के मित्रों से पूछा था कि श्री देवी की उनकी पसंदीदा फिल्‍म कौन सी है। मुझे 255 एंट्री मिली। मैंने गौर किया कि उनकी पॉपुलर फिल्‍मों की सूची में उनकी दक्षिण भारत की फिल्‍में नहीं है। केवल एक मित्र सूर्यन मौर्या ने एक तमिल फिल्‍म ‘ पतिनारु वयाथिनिले ’ का नाम लिया था। मैं जोर देकर यह बात दोहराना चाहता हूं कि सिनेप्रेमी और श्री देवी के हिंदी प्रशंसक उनकी तमिल और तेलुगू की फिल्‍में जरूर देखें। इस साल आयोजित होने वाले फिल्‍म फेस्टिवलों के निदेशकों से मेरा आग्रह रहेगा कि वे श्री देवी की फिल्‍मों के पुनरवालोकन में उनकी दक्षिण भारतीय फिल्‍में अवश्‍य दिखाएं। हिंदी फिल्‍मों में उनकी ख्‍याति कमर्शियल फिल्‍मों के स्‍टार के तौर पर है। उनकी उपलब्धि यह नहीं है कि उन्‍हें ‘लेडी अमिताभ’ कहा गया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि और जिसे रेखांकित भी किया जाना चाहिए कि 54 साल की उम्र में ही उनका फिल्‍म करिअर 50 सालों का रहा। पांच दशकों का फिल्‍म करिअर सहज और आसान नहीं है। बहरहाल,मेरे सर्वेक्षण ...

कामना चंद्रा : गृहिणी से बनीं फिल्म लेखिका

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  -अजय ब्रह्मात्मज इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 1953 में हिंदी से स्नातक कामना चंद्रा की शादी उसी साल हो गई थी। हिंदी की पढ़ाई और इलाहाबाद के माहौैल ने कामना चंद्रा में लेखन को शौक पैदा किया। उनकी टीचर मिस निगम ने सलाह दी कि कामना तुम अच्छा लिखती हो। चाहे कुछ भी हो, लिखना मत बंद करना। कामना चंद्रा ने अपने टीचर की सलाह गांठ बांध ली। घर-गृहस्थी के बाद भी कामना चंद्रा का लेखन चलता रहा। शादी के बाद कामना चंद्रा के पति नवीन चंद्रा की पोस्टिंग दिल्ली हुई। दिल्ली में उन्होंने आकाशवाणी और पत्र-पत्रिकाओं के लिए लेखन किया। फिर भी कामना चंद्रा ने घर-परिवार को प्राथमिकता दी। बच्चों की परवरिश से फुर्सत मिलने पर ही वह लिखती थीं। बेटे विक्रम चंदा और बेटियां अनुपमा और तनुजा चंद्रा के पालन-पोषण पर उन्होंने पूरा ध्यान दिया। उन्होंने अपनी मर्जी से तय किया था कि वह जॉब नहीं करेंगी। 1977 में उनके पति मुंबई आ गए। यहां आने के बाद कामना चंद्रा की इच्छा जगी कि राज कपूर को एक स्टोरी सुनाई जाए। और फिर फिल्मों का सिलसिला चालू हुआ। ‘प्रेमरोग’     ‘आग’ के समय से ही मैं राज कपूर की प्रशंसिका थीं।...