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आप की पसंद की 5 पोस्‍ट

2014 में मैंने चवन्‍नी चैप पर आप के लिए 305 पोस्‍ट किए। 2007 से मैं निरंतर लिख रहा हूं। इस बीच कई पाठक कलाकार,पत्रकार और फिल्‍मकार बने। मुझे खुशी होती है,जब यह पता चलता है कि उनके विकास में चवन्‍नी की भूमिका रही है। मैं आगे भी लिखता रहूंगा। इसे स्‍वावलंबी बनाने की दिशा में सोच रहा हूं। आप में जानकार मुझे सुझाव दे सकते हैं। अपेक्षित मदद कर सकते हैं। साथ ही यह भी बताएं कि चवन्‍नी की खनक कैसेट बढ़ाई जाए। फिलहाल आग्रह है कि पिछले साल की पोस्‍ट में से अपनी पसंद की पांच पोस्‍ट का उल्‍लेख करें। पढ़ने की सुविधा के लिए आर्काइव में जा सकते हैं। दिसंबर से जनवरी तक की यह सूची है।     ▼  December (25)     रॉन्ग नंबर के लोग विरोध कर रहे हैं : आमिर खान     पीके फिल्‍म की धुरी है यह गीत और संवाद     बाक्स आफिस सालाना रिपोर्ट     फिल्‍म समीक्षा : अग्‍ली     दरअसल : 2014 की मेरी पसंद की 12 फिल्में     हिंदी सिनेमा से भी जुड़े थे के बालाचंदर     अग्‍ली के लिए लिखे ...

चवन्नी पर बोधिसत्व

बोधिसत्‍व की यह टिप्‍पणी मैंने 3 सितंबर 2007 को पोस्‍ट की थी। आज चवन्‍नी का आखिरी दिन है,लेकिन चवन्‍नी चैप आप की वजह से चलता रहेगा। चवन्नी को बोधिसत्व की यह टिपण्णी रोचक लगी.वह उसे जस का तस् यहाँ यहाँ प्रस्तुत कर खनक रहा है।आपकी टिपण्णी की प्रतीक्षा रहेगी.- चवन्नी चैप चवन्नी खतरे में है। कोई उसे चवन्नी छाप कह रहा है तो कोई चवन्नी चैप। वह दुहाई दे रहा है और कह रहा है कि मैं सिर्फ चवन्नी हूँ। बस चवन्नी। पर कोई उसकी बात पर गौर नहीं कर रहा है। और वह खुद पर खतरा आया पा कर छटपटा रहा है। यह खतरा उसने खुद मोल लिया होता तो कोई बात नहीं थी। उसे पता भी नहीं चला और वह खतरे में घिर गया। जब तक इकन्नी, दुअन्नी, एक पैसे दो पैसे , पाँच, दस और बीस पैसे उसके पीछे थे वह इतराता फिरता रहा।उसके निचले तबके के लोग गुम होते रहे, खत्म होते रहे फिर भी उसने उनकी ओर पलट कर भी नहीं देखा। वह अठन्नी से होड़ लेता रहा। वह रुपये का हिस्सेदार था एक चौथाई का हिस्सेदार। पर अचानक वह खतरे के निशान के आस-पास पाया गया। उसे बनाने वालों ने उसकी प्रजाति की पैदावार पर बिना उसे इत्तिला दिए रोक लगाने का ऐलान कर दिया तो वह एक दम बौखला...

चवन्‍नी चैप के पाठकों की संख्‍या 50,000 से अधिक

दोस्‍तों आज खुशी का दिन है। चवन्‍नी चैप के पाठकों की संख्‍या 50,000 से अधिक हो गयी है। इंटरनेट और ब्‍लॉग के अध्‍येता बताएंगे क‍ि क्‍या चवन्‍नी लोकप्रियता के क्रम में कहीं है क्‍या ? चवन्‍नी को यही खुशी है कि उसे 50,000 से अधिक पाठकों ने पढ़ा। उन्‍होंने इसके 1,00,000 से अधिक पृष्‍ठ पढ़े हैं। आरंभ में केवल मुंबई के पाठक थे। अब दिल्‍ली,जयपुर,लखनऊ,भोपाल और कानपुर के पाठक नियमित तौर पर आते हैं। चवन्‍नी को पॉपुलर करने में ब्‍लॉगवाणी की बड़ी भूमिका है। और भी एग्रीगेटर का सहयोग मिला। आजकल सीधे ब्‍लॉग पर आने वाले पाठक भी कम नहीं हैं। खुशी की बात है कि 10 से 15 प्रतिशत पाठक विदेशों से आते हैं। कुछ पाठक दूसरे ब्‍लॉग के जरिए आते हैं। चवन्‍नी को पसंद करनवाले मित्रों ने इसका लिंक अपने ब्‍लॉग पर डाल रखा है। उनसे भी पाठक मिलते रहे हैं। आप सभी पाठकों से गुजारिश है कि इसे अगले लेवल तक ले जाने की सलाह दें। चवन्‍नी को क्‍या करना चाहिए? आप के मार्गदर्शन से ही चवन्‍नी की खनक बढ़ेगी। इसकी खनक मुंबई के फिल्‍मकारों के बीच भी सुनी जाने लगी है। यह सब आप के प्रेम सं संभव हुआ है। बेहिचक अपनी राय दें।