कोशिश करूंगा दोबारा-रितिक रोशन
-अजय ब्रह्मात्मज अपनी ईमानदारी से वह सबको कर देते हैं कायल और जिंदगी के अनुभवों से फूंकते हैं अभिनय में प्राण। रितिक रोशन से मुलाकात के अंश.. असफलताएं आत्मविश्लेषण का मौका देती हैं। रितिक रोशन के संदर्भ में बात करें तो काइट्स और गुजारिश की असफलताओं ने उन्हें अधिक मैच्योर और दार्शनिक बना दिया है। उनकी बातों में पहले भी आध्यात्मिकता और दर्शन का पुट रहता था, लेकिन बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें अधिक सजग कर दिया है। पापा ने तो रोका था रितिक ने कभी दूसरों के माथे पर ठीकरा नहीं फोड़ा। काइट्स की असफलता के लिए वे सिर्फ खुद को जिम्मेदार मानते हैं। वे कहते हैं, ''पापा ने समझाया था कि तुम लोग गलत कर रहे हो। हिंदी फिल्मों का दर्शक केवल हिंदी समझता है, लेकिन मुझे तब लग रहा था कि अगर मेरा किरदार अंग्रेजी में बात करे तो वह ईमानदार होगा।'' वह विस्तार से समझाते हैं, ''अपने किरदार को ईमानदारी से जीने के चक्कर में मैं यह गलती कर बैठा। अनुराग और पापा ने पूरी फिल्म हिंदी में सोची थी। पहले ही दिन शूट करते समय मुझे लगा कि मैं लास वेगास में रहता हूं और एक स्पैनिश लड़की के संपर्क में आय...