छोटी फिल्में भी देती हैं बिजनेस : प्रकाश झा
-अजय ब्रह्मात्मज प्रकाश झा इन दिनों छोटी फिल्मों के मजबूत पैराकार हैं। उनके बैनर की ‘क्रेजी कुक्कड़ फैमिली’ आ रही है। कुछ और फिल्में निर्माणाधीन हैं। -‘क्रेजी कुक्कड़ फैमिली’ को अपने बैनर की छांव प्रदान करने को हम आप की तीसरी इनिंग कहें? पहली बार आप ने फिल्में बनाईं, फिर बिहार गए। वापस आकर फिर ‘गंगाजल’, ‘अपहरण’ जैसी बड़ी फिल्में बनाईं, जो दूसरी इनिंग थी। अब नए जमाने के संग कदम मिलाकर आप ‘क्रेजी कुक्कड़ फैमिली’ जैसी फिल्मों को सपोर्ट कर रहे हैं? तीसरी इनिंग तो नहीं, यह मेरा एडिशनल वर्क है, क्योंकि अभी दूसरी इनिंग तो खत्म नहीं हुई। ‘गंगाजल’ या ‘सत्याग्रह’ जैसी फिल्में तो बन ही रही हैं। पॉलिटिकल टॉपिक को टच करना तो मुझे भाता ही है। नया सब्जेक्ट ‘सत्संग’ है। उस पर भी काम चल रहा है, लेकिन मुझे लगा कि जिस तरह से हमारी फिल्मों का विस्तार हुआ है और जिस तरह हमारी ऑडिएंस निकल कर सिनेमा देखने आने लगी है। उसका खयाल रखना चाहिए। उससे भी बड़ी बात है कि यंग, नया टैलेंट चाहे एक्टिंग में हो, रायटिंग में हो, हर जगह उनकी बड़ी खेप आ रही है। उन्हें महत्व दिया जाना चाहिए। पांच-सात साल...